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हिंदी कहानियां - भाग 104

एक बार शहर के लोगों ने बीरबल से बर्तनों के एक दुकानदार की शिकायत की - वह बहुत लालची है। उसे सबक सिखाओ। बीरबल दुकानदार के पास गए और तीन बड़े-बड़े पतीले खरीद लाए।


कुछ दिन बाद वह एक छोटी-सी पतीली लेकर लालची दुकानदार के पास पहुंचे और बोले, ये रहे आपके पतीले। जाँच परख लीजिए।

उसी के साथ बीरबल ने एक छोटी पतीली भी उसे दी और कहा, यह आपके बड़े पतीले ने बच्चा दिया है, कृपया रख लें।

दुकानदार बहुत खुश हुआ और ख़ुशी-ख़ुशी छोटी पतीली ले ली। कुछ दिनों बाद बीरबल फिर से तीन पतीले उधर ले गए। एक सप्ताह बाद वे एक बड़ा पतीला लेकर दुकानदार के पास गए और बोले कृपया अपना पतीला ले लीजिए।

दुकानदार, लेकिन यह तो सिर्फ एक है, जबकि मैंने तुम्हें तीन दिए थे।

बीरबल ने उत्तर दिया, जी असल में दो पतीलों की मृत्यु हो गई है।

दुकानदार ने आश्चर्य के साथ कहा, जाओ-जाओ क्यों बेवकूफ बनाते हो क्या पतीलों की भी मृत्यु होती है ?

बीरबल निश्चितता से बोले, क्यों नहीं अगर पतीले का बच्चा पैदा हो सकता है तो पतीले की मृत्यु क्यों नहीं, अगर पतीले का बच्चा पैदा हो सकता है तो पतीले की मृत्यु भी हो सकती है।

दुकानदार को उसके लालच की सजा मिल गई थी।

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